
What is the Correct sleeping position: नींद हर इंसान की ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। पर्याप्त और गहरी नींद न केवल शरीर को आराम देती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, पाचन शक्ति, हृदय और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी दुरुस्त रखती है। हालाँकि नींद की पोज़िशन (Sleeping Position) का भी हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा असर पड़ता है। अक्सर लोग पूछते हैं कि दाईं करवट सोना सही है या बाईं करवट? इस सवाल का जवाब जानना ज़रूरी है क्योंकि गलत पोज़िशन में सोने से कई समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।
नींद की पोज़िशन क्यों है महत्वपूर्ण?
सोने की मुद्रा सीधे शरीर की कार्यप्रणाली पर असर डालती है। उदाहरण के तौर पर, गलत पोज़िशन से पीठ दर्द, गर्दन की अकड़न, खर्राटे, एसिडिटी और थकान जैसी दिक़्क़तें बढ़ सकती हैं। वहीं सही पोज़िशन अपनाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिल पर दबाव कम पड़ता है। इसलिए जानना आवश्यक है कि दाहिने और बाएँ करवट सोने के क्या फायदे और नुकसान हैं।
बाईं करवट सोने के फायदे(Benefits of Sleeping Left side)
1. पाचन में सुधार होता है
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही बाईं करवट सोने को पाचन के लिए लाभकारी मानते हैं। जब हम बाईं ओर सोते हैं तो भोजन आसानी से बड़ी आंत की ओर बढ़ता है और एसिड रिफ्लक्स की समस्या कम होती है। यही वजह है कि भोजन के बाद हल्की देर के लिए बाईं करवट लेटना फायदेमंद माना जाता है।
2. दिल पर दबाव कम पड़ता है
दिल शरीर के बाईं ओर स्थित होता है। बाईं करवट सोने से हृदय पर दबाव कम पड़ता है और ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रहता है। जिन लोगों को हृदय रोग की समस्या है, उनके लिए यह पोज़िशन अधिक सुरक्षित मानी जाती है।
3. गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित
गर्भावस्था में डॉक्टर भी महिलाओं को बाईं करवट सोने की सलाह देते हैं। इससे गर्भ में शिशु तक रक्त और पोषण बेहतर ढंग से पहुँचता है। साथ ही पीठ और पैरों पर दबाव कम होता है, जिससे गर्भवती महिला को राहत मिलती है।
4. एसिडिटी और सीने की जलन से राहत
अक्सर रात को सोते समय एसिडिटी या सीने में जलन की समस्या होती है। ऐसे में बाईं करवट सोना फायदेमंद है क्योंकि यह पाचन रसों को ऊपर की ओर आने से रोकता है।
5. कब्ज से निजात
कब्ज से परेशान लोगों के लिए भी बाईं करवट सोना उपयोगी है। यह आँतों की गति को सही रखता है और भोजन को सही दिशा में आगे बढ़ाता है।
दाईं करवट सोने के प्रभाव (Effect of Sleeping Right side)
1. पाचन पर असर
दाईं करवट सोने से भोजन का पाचन धीमा हो सकता है और कई बार गैस या पेट फूलने की समस्या बढ़ सकती है।
2. दिल पर दबाव
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक दाईं करवट सोना हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। खासकर हृदय रोगियों के लिए यह पोज़िशन हमेशा सही नहीं होती।
3. खर्राटे और नींद की गुणवत्ता पर असर
दाईं करवट सोने से कुछ लोगों को खर्राटे अधिक आते हैं और नींद बार-बार टूटती है। इससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
4. कब अपनाएँ दाईं करवट?
हालाँकि दाईं करवट सोना पूरी तरह नुकसानदायक नहीं है। जिन लोगों को ब्लड प्रेशर लो होने की समस्या है, उनके लिए दाईं करवट आरामदायक हो सकती है। लेकिन यह लंबी अवधि के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती।
पीठ के बल और पेट के बल सोना - फायदे और नुकसान
सोने की अन्य मुद्राओं का भी उल्लेख करना ज़रूरी है। जैसे कुछ लोग पीठ के बल सोते है तो कई लोगों को पेट के बल सोने की आदत होती हैं। आइए जानते है इसके प्रभाव-
पीठ के बल सोना: रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है जिससे पीठ और गर्दन के दर्द से राहत मिलती है साथ ही झुर्रियों से भी बचाव होता है, लेकिन खर्राटे और स्लीप एपनिया वाले मरीजों को परेशानी बढ़ सकती है।
पेट के बल सोना: यह सबसे अस्वस्थ पोज़िशन मानी जाती है। इससे गर्दन और पीठ पर दबाव बढ़ता है और सांस लेने में दिक़्क़त हो सकती है। इससे पाचन धीमा हो सकता है और गर्भवती महिलाओं में रक्त प्रवाह संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। इसीलिए कोशिश करें कि पेट के बल न सोएं।
वैसे तो दाईं और बाईं करवट सोने के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में बाईं करवट सोना स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी साबित होता है। यह पाचन को मजबूत करता है, दिल की सुरक्षा करता है और गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित माना जाता है। वहीं दाईं करवट सोना कुछ स्थितियों में आराम दे सकता है लेकिन इसे आदत बनाना हमेशा सही नहीं है।
इसलिए अगली बार जब भी आप नींद के लिए बिस्तर पर जाएँ, तो अपनी पोज़िशन पर ध्यान दें। याद रखें—सही तरीके से सोना भी स्वस्थ जीवनशैली का अहम हिस्सा है।
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