कफ सिरप एक आम दवा है जो खांसी और जुकाम के लक्षणों को कम करने के लिए उपयोग की जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कफ सिरप पीने से नींद क्यों आती है? इस लेख में, हम इस प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश करेंगे।
कफ सिरप में क्या होता है?
कफ सिरप में आमतौर पर निम्नलिखित तत्व होते हैं:
डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न: यह एक कफ़रोधी दवा है जो मस्तिष्क के कफ़ केंद्र को प्रभावित करके खांसी को कम करती है।
एंटीहिस्टामाइन: यह दवा एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद करती है और नींद को बढ़ावा देती है।
पेन किलर: कुछ कफ सिरप में पेन किलर जैसे कि पेरासिटामोल या एसिटामिनोफेन भी होते हैं जो दर्द और बुखार को कम करने में मदद करते हैं।
कफ सिरप पीने से नींद क्यों आती है?
कफ सिरप पीने से नींद आने के कई कारण हो सकते हैं:
एंटीहिस्टामाइन का प्रभाव
एंटीहिस्टामाइन दवा नींद को बढ़ावा देती है और थकान को कम करती है। यह दवा मस्तिष्क के हिस्टामाइन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करती है, जिससे नींद आती है।
डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न का प्रभाव
डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न दवा भी नींद को बढ़ावा दे सकती है, खासकर जब इसे अधिक मात्रा में लिया जाए।
शरीर की प्रतिक्रिया
जब शरीर बीमारी से लड़ रहा होता है, तो वह अधिक थकान और नींद महसूस कर सकता है। कफ सिरप पीने से शरीर को आराम मिलता है और नींद आती है।
कफ सिरप पीने वाले ये सावधानी बरतें-
• नींद आने वाली कफ सिरप पीने के बाद गाड़ी चलाने से बचें, इससे दुर्घटना होने का खतरा होता है।
• कोशिश करें कि कफ सिरप को रात को सोने से पहले ही पीएं, इससे आपके दिन के काम-काज प्रभावित नहीं होंगे।
यदि आपको कफ सिरप पीने के बाद नींद आती है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
डॉक्टर ने बताया बच्चों को कफ सिरप कब और कैसे दें
AIIMS दिल्ली के पीडियाट्रिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. पंकज हरी के अनुसार, अगर कफ सिरप में कोई मिलावट नहीं है और उसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार दिया जाए, तो वह नुकसान नहीं करता. Dextromethorphan Hydrobromide नामक दवा, जो ज्यादातर कफ सिरप में पाई जाती है, एक सामान्य और सुरक्षित तत्व है. यह दवा दिमाग में खांसी के रिफ्लेक्स को रोकती है और किडनी पर कोई बुरा असर नहीं डालती.
बच्चों को कब देना चाहिए कफ सिरप?
कफ सिरप दो प्रकार के होते हैं:
Cough Suppressant - सूखी खांसी के लिए
Decongestant - नाक बंद या बहती नाक के लिए
छोटे बच्चों और शिशुओं को ये सिरप नहीं देने चाहिए।
अमेरिका में डॉक्टर 4 साल से छोटे बच्चों को ये सिरप नहीं देते।
भारत में समस्या यह है कि ये दवाएं बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से आसानी से मिल जाती हैं, जो गलत है. सिरप तभी खरीदें जब डॉक्टर ने स्पष्ट रूप से सलाह दी हो।
ओवरडोज के क्या नुकसान हैं?
अगर कफ सिरप ज्यादा मात्रा में दे दिया जाए तो:
👉बच्चे को नींद आने लगेगी
👉सुस्ती और चक्कर आ सकते हैं
👉दिल की धड़कन तेज हो सकती है
👉उल्टी और मतली हो सकती है
🚫किशोर उम्र के बच्चे इसे नशे के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे लत लगने का खतरा होता है.
बच्चों के लिए सही डोज क्या है?
बच्चों को सिरप उनकी बॉडी वेट के अनुसार (मिलीग्राम प्रति किलो) दी जाती है. आमतौर पर 0.5 से 1 मिलीग्राम प्रति किलो वजन की मात्रा दी जाती है, दिन में तीन बार से ज्यादा नहीं. सिरप देने के लिए वही डोजिंग स्पून इस्तेमाल करें जो बोतल के साथ आता है. चम्मच या टेबल स्पून से सिरप देने पर ओवरडोज हो सकता है. अगर बच्चा 4 साल से छोटा है और डॉक्टर सिरप देना जरूरी समझते हैं, तो उन्हें डोज़ साफ तौर से लिखनी चाहिए।
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