Supreme Court Verdict on Reservation: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि यदि भर्ती नियमों में आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए सामान्य श्रेणी में जाने पर रोक है, तो उन्हें सामान्य श्रेणी में भर्ती नहीं किया जा सकता है। यह फैसला उन उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण है जो आरक्षित श्रेणी में आवेदन करते हैं और सामान्य श्रेणी में भर्ती होना चाहते हैं। यानी कि आरक्षण का लाभ लेने वाले छात्रों को केवल उतनी सीट पर ही लड़ना होगा जितने सीट रिजर्व है। उससे बाहर जनरल सीटों का फायदा वे नहीं उठा पाएंगे भले ही उनके अंक जनरल कैटेगरी स्टूडेंट से ज्यादा ही क्यों न हो।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
यह मामला स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) द्वारा आयोजित कांस्टेबल (जीडी) की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित है। इस भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट दी गई थी। कुछ उम्मीदवारों ने इस छूट का लाभ उठाकर आवेदन किया था, लेकिन वे ओबीसी श्रेणी में चयनित नहीं हो पाए। हालांकि, उनके अंक सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से अधिक थे, इसलिए उन्होंने सामान्य श्रेणी में भर्ती होने का दावा किया।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि भर्ती नियमों में आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए सामान्य श्रेणी में जाने पर रोक है, तो उन्हें सामान्य श्रेणी में भर्ती नहीं किया जा सकता है अर्थात आरक्षण का लाभ लेने वाले छात्रों को अपनी आरक्षित सीट से बाहर जनरल सीटों पर भर्ती नहीं किया जाएगा, भले ही उनके नंबर जनरल कैटेगरी स्टूडेंट से अधिक ही क्यों न हो। उनका सिलेक्शन केवल आरक्षित सीटों के दायरे में ही होगा।
कोर्ट ने कहा कि जितेंद्र कुमार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामले में दिए गए फैसले का अनुप्रयोग इस मामले में नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उस मामले में भर्ती नियमों में ऐसी कोई रोक नहीं थी।
यह भी पढ़ें 👉
भर्ती नोटिफिकेशन नियम पर करेगा निर्भर
कोर्ट ने भर्ती नियमों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यदि किसी परीक्षा भर्ती के नियमों में आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए सामान्य श्रेणी में जाने पर रोक है, तो उन्हें इसका पालन करना होगा। अर्थात आरक्षण का लाभ लेने वाले छात्रों को अपनी आरक्षित सीट ने बाहर जनरल सीटों पर भर्ती नहीं किया जाएगा भले ही उनके नंबर जनरल कैटेगरी स्टूडेंट से अधिक ही क्यों न हो। कोर्ट ने कहा कि आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी में भर्ती होने के लिए भर्ती नियमों में दी गई शर्तों को पूरा करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण है, जो सामान्य श्रेणी में भर्ती होना चाहते हैं। यह फैसला भर्ती प्रक्रिया में नियमों के महत्व को उजागर करता है और यह सुनिश्चित करता है कि भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।
इस फैसले के अनुसार, आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार जो सामान्य श्रेणी में भर्ती होना चाहते हैं, उन्हें भर्ती नियमों में दी गई शर्तों को पूरा करना होगा। यदि नियमों में रोक है, तो उन्हें सामान्य श्रेणी में भर्ती नहीं किया जा सकता है। यह फैसला भर्ती प्रक्रिया में नियमों के महत्व को उजागर करता है और निष्पक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है¹।
यह भी पढ़ें 👉
❤️ हार्ट अटैक मरीज की जान कैसे बचाएं? जानिए CPR कैसे देते हैं ? क्या है CPR?
🥝 सेहत का खजाना है ये फल: बाल से लेकर दिल की सेहत के लिए है फायदेमंद- Kiwi Health Benefits
डेली न्यूज अपडेट के लिए Public News Hindi का Whatsapp ग्रुप ज्वॉइन करें 👇



