अमेरिका की टैरिफ नीति और दवाओं का महत्व
अमेरिका ने हाल ही में कई देशों पर टैरिफ लगाया है, जिसमें चीन, कनाडा और मेक्सिको शामिल हैं। हालांकि, ट्रंप ने फार्मास्युटिकल्स को टैरिफ से छूट दी है, क्योंकि उन्हें पता है कि इसका असर अमेरिकी जनता पर भारी पड़ेगा। अमेरिका हर साल 170 अरब डॉलर की दवाइयां आयात करता है, जिसमें भारत की बड़ी भूमिका है ¹।
भारतीय फार्मा कंपनियों का योगदान
भारतीय फार्मा कंपनियां अमेरिका को सस्ती दवाएं मुहैया कराती हैं। सन फार्मा, औरोबिंदो फार्मा, डॉ. रेड्डीज लैब, सिप्ला और ल्यूपिन जैसी कंपनियां भारत के कुल फार्मा निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं। ये कंपनियां अमेरिका में अपनी दवाएं बेचकर न केवल अमेरिकी जनता की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करती हैं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान करती हैं।
कोल्ड ड्रिंक्स पर GST का प्रभाव
अब, यदि कोल्ड ड्रिंक्स पर भारी GST लगाया जाए, तो इसका प्रभाव अमेरिका और अन्य देशों पर क्या होगा? यह एक जटिल मुद्दा है, जिसमें कई कारक शामिल हैं। यदि अमेरिका कोल्ड ड्रिंक्स पर भारी टैरिफ लगाता है, तो इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी ओर, यदि अन्य देश भी अमेरिका पर टैरिफ लगाते हैं, तो इससे अमेरिकी उद्योगों को नुकसान हो सकता है।
अमेरिका की टैरिफ नीति और दवाओं का महत्व एक जटिल मुद्दा है, जिसमें कई कारक शामिल हैं। यदि कोल्ड ड्रिंक्स पर भारी GST लगाया जाए, तो इसका प्रभाव अमेरिका और अन्य देशों पर व्यापक हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका अपनी टैरिफ नीति को कैसे आकार देता है और इसका प्रभाव वैश्विक व्यापार पर क्या होगा।
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