Dhanteras 2025: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धनतेरस का त्योहार बड़े उल्लास एवं आस्था के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व को धन, समृद्धि और वैभव से जोड़कर देखा जाता है। लोग मानते हैं कि इस दिन यदि कुछ शुभ चीजें खरीदी जाएँ तो देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा बनी रहती है। हालांकि मुख्य रूप से सोना और चांदी खरीदने की परंपरा है, लेकिन अगर बजट कम हो या आप कुछ सरल लेकिन शुभ वस्तुएँ खरीदना चाहें, तो वे भी बहुत महत्व रखती हैं।
धनतेरस का ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व
धनतेरस को दीपावली पर्व का आगाज माना जाता है। यह वह दिन है जब लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं, जो आयु, रोगनिवारण और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं। इसके साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की भी पूजा होती है, ताकि धन-समृद्धि बनी रहे।
शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन शुभ वस्त्र, बर्तन, आभूषण आदि खरीदने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मकताएँ दूर होती हैं। इसी कारण से लोग इस अवसर का उपयोग अपने घर और जीवन को बेहतर बनाने के लिए करते हैं।
सोना-चांदी: प्रमुख विकल्प (लेकिन एकमात्र नहीं)
धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने की परंपरा इसलिए प्रचलित है क्योंकि ये धातुएँ स्थिरता, शुद्धता और उच्च मूल्य रखती हैं। सोने और चांदी को अक्सर धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
लेकिन यदि कोई व्यक्ति इन मूल्यों को खरीदने में सक्षम न हो, तो भी निराश होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अनेक ऐसी वस्तुएँ हैं जिन्हें सरल दाम में खरीदा जा सकता है और जो शुभ मानी जाती हैं।
शुभ वस्तुएँ जो धनतेरस पर खरीदी जा सकती हैं
नीचे उन वस्तुओं की सूची और उनके पीछे की मान्यताएँ दी गई हैं:
1. नए बर्तन (तांबा, पीतल आदि धातु के बर्तन)
नए बर्तन खरीदना धनतेरस पर बहुत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से तांबा और पीतल के बर्तन को प्राथमिकता दी जाती है। ये धातुएँ पवित्रता, आरोग्य और स्वास्थ्य का प्रतीक मानी जाती हैं। यदि आप नए बर्तन घर ले जाते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि जीवन में धन और सौभाग्य का आगमन होगा।
2. झाड़ू (झाड़ू खरीदने की परंपरा)
धनतेरस पर झाड़ू खरीदना भी एक प्रचलित पर्व परंपरा है। कहा जाता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से घर से दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। हालांकि, यहां एक विशेष ध्यान रखा जाता है: जो झाड़ू खरीदी जाए उसे तुरंत उपयोग में नहीं लाना चाहिए। उसे छिपा कर सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए और पूजा के बाद ही इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
3. धनिया (साबुत धनिया के दाने)
धनिया को समृद्धि और धन की वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पारंपरिक मान्यताओं में पूजा के दौरान कुछ साबुत धनिया के दाने देवी लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं, और उन्हें तिजोरी या धन से जुड़े स्थान पर रखा जाता है। माना जाता है कि इससे धन संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं।
4. नमक (पवित्रता का प्रतीक)
नमक को पवित्रता और शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस पर नमक खरीदना और घर लाना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नमक घर में वास्तु दोषों को दूर करता है और सुख-समृद्धि लाता है।
5. गोमती चक्र (गोमती शंख)
गोमती चक्र (जिसे कभी-कभी गोमती शंख कहा जाता है) देवी लक्ष्मी की प्रिय वस्तु मानी जाती है। यदि घर में पूजा में गोमती चक्र रखा जाए तो कहा जाता है कि धन संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं और स्थिर लक्ष्मी का वास होता है। यदि गोमती चक्र पीले रंग का हो तो विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
दिखावे से बचें- महंगी वस्तु नहीं, सच्चा भाव है ज़रूरी
धनतेरस पर यह आवश्यक है कि हम धार्मिक मान्यताओं को समझें और उनका सम्मान करें, लेकिन एक संतुलन बनाए रखें। कई परिवारों में यह सोचा जाता है कि सिर्फ दिखावे के लिए महँगी चीज़ें खरीदी जाएँ। लेकिन वास्तव में, सच्ची आस्था और पूजा भावना अधिक मायने रखती है। यदि आप केवल ऐसा कुछ खरीद सकते हैं जो आपके बजट में हो, और वह वस्तु शुभ मानी जाती है, तो वही बेहतर रहेगा।
धनतेरस 2025 का त्योहार हमारे जीवन में धन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने का अवसर है। यदि आप सोना-चांदी खरीदी नहीं कर सकते, तो भी चिंता की बात नहीं; नई बर्तन, झाड़ू, धनिया, नमक और गोमती चक्र जैसी वस्तुएँ खरीदकर आप शुभ प्रभाव ले सकते हैं। बस ध्यान रखें कि कोई भी वस्तु पूर्ण श्रद्धा से ली गई हो न कि केवल दिखावा मात्र हो।