25 से ज्यादा कैटेगरी में नकली सामान
यह छापा आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित ई-कॉमर्स गोदामों पर मारा गया. BIS अधिकारियों ने यहां से 25 से भी ज्यादा प्रोडक्ट कैटेगरी में गैर-कानूनी सामान बरामद किए. इसमें LED बल्ब, टेबल फैन, खिलौने, और अन्य कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स शामिल हैं जो किसी भी तरह की सुरक्षा जांच से नहीं गुजरे थे.
सुरक्षा के लिए खतरा हैं
इन उत्पादों में BIS सर्टिफिकेशन या ISI मार्क नहीं था, जो भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए जरूरी होता है. बिना इस मंजूरी के कोई भी सामान बेचना या स्टोर करना BIS एक्ट, 2016 के सेक्शन 17 के अंतर्गत कानूनन अपराध है. ये प्रोडक्ट्स ग्राहकों के लिए ना केवल कानून के हिसाब से गलत हैं, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकते हैं.
लगाया गया जुर्माना
BIS ने यह भी बताया कि इस तरह के उल्लंघन पर BIS एक्ट की धारा 29(3) के तहत कड़ी सजा हो सकती है—जिसमें तीन साल तक की जेल, या ₹10 लाख तक का जुर्माना, या फिर सामान की कीमत का 10 गुना जुर्माना लगाया जा सकता है.
इस स्टिंग ऑपरेशन ने एक बहुत अहम सवाल खड़ा कर दिया है—क्या हम ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर बिना चेक किए खतरनाक चीजें खरीद रहे हैं? बिना BIS या ISI मार्क वाले इलेक्ट्रॉनिक सामानों में शॉर्ट सर्किट, आग लगने का खतरा और गंभीर इंजरी तक हो सकती है. खासकर LED बल्ब, सस्ते पंखे या चार्जिंग डिवाइसेज बिना सुरक्षा जांच के काफी खतरनाक हो सकते हैं.
इसलिए अगली बार जब भी आप Flipkart, Meesho या किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदें, तो पैकेजिंग और प्रोडक्ट पर BIS, ISI या CRS मार्क जरूर चेक करें. अगर मार्क नहीं है, तो ऐसा सामान खरीदना आपकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो सकता है.
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